You are reading Bharosa Love Story Part 2

तो पिछली कहानी में आपने जाना कि कैसे संकेत और श्रेया के बीच एक मज़ाक ने दरार सी डाल दी , गुज़रे इन दो महीनों में श्रेया ने संकेत के हर दूसरे दोस्तों से संकेत कि उसे यू छोड़ जाने का सवाल किया और जानने की कोशिश करती रही कि आख़िर उसने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया?
पिछले हफ्ते श्रेया को संकेत के एक दोस्त ने ये समझाया था कि वो अब उसे बार बार कॉल या मैसेज करना छोड़ो और हां संकेत को ये जताए की उसे फर्क नहीं पड़ता हो सके तो उसे जलाओ , श्रेया को लगा शायद ऐसा करके वो संकेत का अटेंशन लेगी।
आज भी संकेत को हाइड करके अपनी अंदर की फीलिंग्स वाले टिकटौक विडियोज को पोस्ट करने से खुद को रोक नहीं पाती थी।अब वो गानों के बाहाने कानों में इयरफोन लगाए घंटों पुरानी कॉल रिकॉर्डिंग सुनती, तो कभी संकेत के दिए गिफ्ट को देख कर आंसूं बहाती,
बीते ये दिन उसके लिए बेहद मुश्किल थे क्योंकि लाख झगड़ों के बाद भी दोनों घंटे दो घंटे से ज्यादा एक दूसरे से नाराज़ नहीं रहा करते थे। श्रेया अब बिल्कुल परेशान सी रहती थी उस हर पल संकेत से जुड़ी चीजें ही दिखती अब तो उसे चाकलेट और केक भी ना लुभा पाते थे।
भरोसा कहानी का पहला भाग यहाँ से पढ़े

ग़लतफ़हमी का अहसास
संकेत ने श्रेया को कॉल किया उसे कहा कि उसे कहा कि उसे गलतफहमी हो गई थी उसने उस पर शक किया उसे पता चला था कि वो पक्काघाट पर किसी और के साथ बैठी है श्रेया को ये सुनकर बेहद दुख हुए और उसने जानबूझकर उस बिना सर पैर की बातों को बिना उस गलती को किए ही हां में जवाब दिया ,उसने कहा कि वो बोर होने पर कभी उसके दोस्तों के साथ कभी अपने दोस्तों के साथ घूमने जाया करती है और उसे ऐसा करना पसंद है ,
संकेत एक बार फिर हैरान सा मौन सा श्रेया कि बातें सुनता गया अब वो क्या कहे उसे कुछ समझ ही नहीं आया , पल भर की देर करते श्रेया ने पूछा तो क्या उस दोस्त के कहने से उसने उससे बातें करनी छोड़ी थी? संकेत ने बिना उस बात का जवाब दिए दबी आवाज में पूछा तो क्या अब तुम्हे मेरी ना पसंद से फर्क नहीं पड़ेगा? श्रेया फिर झुंझलाई, पड़ेगा जब तुम मेरे साथ होगे तब, तुमने तो गुज़रे दिनों में ये तक जानने की कोशिश नहीं की कि तुम्हारे यूं अचानक मुझे इग्नोर करने से मै किस हाल में जी रही होंगी।
कुछ देर सन्नाटा छा जाने के बाद श्रेया बोल पड़ी तो अब भी तुम वही सब करने वालों हो या मुझ पर भरोसा ,मुझसे गलती हुई बहकावे में आकर तुमपे शक किया मगर तुमने तो उस शक को हकीकत में तब्दील कर दिया संकेत ने कहा तुम मेरी पसंद हो इस बात पर आज उसे अफसोस अब हो रहाश्रेया रो पड़ी…कुछ पल कि चुप्पी तोड़ते श्रेया ने बताया कि संकेत किस बारे में बात कर रहा वो नहीं जानती उसने तो ने तो बस गुस्से में आ कर हां कह डाली थी और वो सब तुम जानते हो कि मै तुम्हारी इजाज़त के बिना कहीं भी नहीं जाया करती !!
फिर से टूट गया भरोसा ?
और एक बार फिर से दोनों के बीच कुछ यू ही दूरियों ने पैर पसार लिए , संकेत ने माफी मांगी मगर श्रेया जिसका गुस्सा पहले से कहीं जड़ा बाद चुका था ने फ़ोन कॉल काट दिया। संकेत ने वापस से श्रेया को कॉल किया बहुत सारे मैसेज किए फिर कॉल फिर मैसेज पर अब श्रेया उसके हर कॉल और मेसेजेस को इग्नोर करती रही,६ दिन बाद संकेत के उस दोस्त ने श्रेया को कॉल करके सारा हाल समझाया श्रेया गुस्से में थी मगर ये जान कर उसकी गैर मौजूदगी में संकेत खुद को नुक़सान पहुंचाने की बातें कर रहा है वो डर गई ,
उसने संकेत को कॉल करी दोनों ने मिलने को तय किया शाम का बेसब्री से इंतज़ार करते हुए श्रेया ने संकेत कि फेवरेट ड्राई पनीर चिल्ली बनाई और पैक किया और संकेत ने उसके लिए ढेर सारे चॉकलेट ।

दोनों की मुलाक़ात लोकडाउन के चलते सड़को पर हुई और दोनों बहुत खुश थे की श्रेया कि नज़र संकेत के हांथ पर गई और एक ओर बार नाराज़गी का आलम शुरू संकेत ने खुद को चोट पहुंचाई थी जो श्रेया कि पसंद के ख़िलाफ़ था मगर दोनों अब अपनी गलती को मान चुके थे और अब महीनों बाद चॉकलेट और पनीर चिल्ली के मिलने की खुशी इनकी खुशी में कहीं गुम से हो गई…!!
More Stories
भरोसा – एक प्रेम कहानी जिसकी शुरुवात हुई जज्बातो के शहर मिर्ज़ापुर में – Bharosa Love Story
क्या है मिर्ज़ापुर – Kya Hai Mirzapur Poetry