Incredible Mirzapur

The Goddess City of Uttarpradesh

pakkaghat-mirzapur

Pakkaghat Mirzapur – पक्काघाट मिर्ज़ापुर

pakkaghat mirzapur

Pakkaghat Mirzapur पक्काघाट मिर्ज़ापुर का ही नही अपितु पूरे उत्तरप्रदेश के सबसे खूबसूरत घाटों में से एक है । मिर्ज़ापुर व आस पास के नगरों में इसकी सुंदरता की तारीफे हमेसा लोगो के जुबान पे रहती है, मिर्ज़ापुर के युवाओं में ये घाट काफी मशहूर है जहाँ सायंकाल सूर्यास्त व गंगा आरती देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक उपस्थित हो जाते है ।

इस घाट से ढेरो प्रेम कहानियों की भी शुरुवात होती आयी है, कॉलेज व काम से कुछ फुरसत भरे लम्हे चुरा कर लोग यहाँ सुकून के तलास में आ पहुचते है, और बारहदरी के ठंडी गलियारों मे बैठ कर करते है अपने दिल की बाते । बारहदरी के गुम्बदों के मध्य से आती तेज हवाएं आपको गर्मी के तीखी दोपहरिया में भी काफी सुकून दे जाती है, यही कारण है कि हर उम्र के लोगो का इस घाट से काफी गहरा लगाव है ।

पक्काघाट है प्रेम का प्रतीकPakkghat is symbol of love

इस घाट को सिर्फ प्रेमी युगलों के मनोरंजन स्थल मात्र से प्रेम का प्रतीक नही कहा जाता, जबकि इस घाट के निर्माण के पीछे का कारण ही प्रेम है । मिर्ज़ापुर के जाने माने रईस नबालक साव के पिता श्री भगवानदास ऊमर वैश्य की धर्मपत्नी जी एक दिन घाट पर स्नान करने का मन बनाकर गयीं तो रास्ते में उन्हें जरा भी सुगमता नही हुई और बालू का घाट देखकर और महिलाओं के कपड़े बदलने व बैठने का कोई स्थान ना होने के कारण व कई स्थानीय महिलाओं के व्यंग्य कस देने के कारण उनके मन को ठोस पहुँचा

जिसकी जानकारी उनके पति को लगते ही उन्होंने अपने पत्नी के लिए एक अत्यंत खूबसूरत व अद्वितीय घाट बनाने का निर्णय किया और शीघ्र अति शीघ्र घाट की रूप रेखा तैयार करके उसका निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया गया

pakkaghat mirzapur painting
pakkaghat painting

पक्काघाट निर्माण कार्य व लागत 

भगवान दास ऊमर वैश्य जी के द्वारा इस घाट का निर्माण कार्य लगभग 1872 में पूर्ण हुआ, इतने भव्य घाट के निर्माण में उस समय लगभग 1 लाख 82 हज़ार रुपए खर्च हुए थे । कहा जाता है की किसी कारणवश घाट का 90% कार्य ही पूर्ण हो पाया था ।

नक्कासी व सुंदरता का अद्वितीय उदाहरण – Pakkaghat

पक्काघाट की नक्कासी इतनी महीन की गयीं है की इसकी तुलना किसी और घाट से करना अपराध होगा । देवी देवताओं के मूर्तियो व शेर के मुख की कलाकृति अपने आप में ही अतुलनीय है, पत्थर के ऊँचे ऊँचे स्तंभों से घाट के चारो तरफ कलाकृतिया बनाई गयी है ।

प्रत्येक खम्भो पर विभिन्न प्रकार के फूल, बार्डर, देवी देवता, बाद्ययंत्र बजाते हुये महिला एवं पुरुष बने है, एक जगह एक व्यक्ति को खिड़की से निकलते हुये दिखाया गया है।

बारहदरी की छत पर चारों तरफ की रैलिंग के रुप में पत्थर की कठिनसाध्य एवं दुर्लभ जालियों में अलग अलग डिजाइन बनाई गई है अर्थात जितने प्रकार की जाली है उतनी ही डिजाइन है और घाट की सीढियो को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है की उम्रदराज व्यक्ति से लेकर पशु तक आसानी से उतर व चढ़ सकते है ।

घाट की मुख्य सुंदरता बारहदरी से होती है जिसके दोनों तरह हवादार गलियारे बनाये गए है जिससे ठंडी छाया के साथ शीतल हवा भी पर्यटकों को सुकून प्रदान करती है । महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए नीचे कलात्मक कोठरिया बनाई गयी है । बारह दरी के ऊपर चढ़ जाने पे गंगा किनारे बसे शहर मिर्ज़ापुर के सुंदर घाटों को आप आसानी से देख सकते है और गंगा पार स्थित हरे भरे खेत खलियान भी साफ साफ दिखाई पड़ते है । 

पक्काघाट पे सायं कालीन माँ गंगा की आरती- Ganga Aarti at Pakkaghat, Mirzapur

pakkaghat ganga aarti

घाट पे प्रतिदिन सूर्यास्त के समय माँ गंगा की भव्य आरती की जाती है जिसमे वैदिक मंत्रो व आरती गीत के उच्चारण के लिए घाट के पंडित पुजारी भाग लेते है, आरती में प्रतिदिन शहर के सैकड़ो दर्शनार्थी भाग लेते है । रंगीन फव्वारों के मध्य आरती बेहद आकर्षक लगती है , सूर्यास्त के समय पक्काघाट की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है यही कारण है की सायं काल यहाँ लोग नौका विहार करने भी आती है 

नौका विहार 

mirzapur painting

पक्काघाट पे पर्यटक नौका विहार जरूर करते है, नाव में सवार होकर गंगा जी के मध्य से घाट को देखना अपने में एक अलग अनुभव होता है । नौका में सवार होकर आप पक्काघाट समेत उससे सटे सभी घाटों को दर्शन सुगमता पूर्वक कर सकते है ।

पक्काघाट लेडीज मार्केट – Biggest Market of Mirzapur  

पक्काघाट की तरफ उतरते समय ही पक्काघाट का मशहूर लेडीज मार्केट है, जहाँ महिलाओं के सौंदर्य सम्बंधित सभी चीज़े मिलती है, सैकड़ो दुकानो से सजा यह मार्केट पूरे मिर्जापुर के लड़कियो व महिलाओं का केंद्र है, यहाँ दूर दूर से महिलाएं अपने दैनिक जीवन के शादी समारोह के लिए समान, कपड़ा, गहना इत्यादि वस्तुएँ खरीदने आती है ।

फ़िल्म जगत में भी मशहूर

इस घाट की प्रसिद्धि फिल्मी दुनिया तक भी है, इसकी लोकप्रियता के कारण कई बॉलीवुड व भोजपुरी फिल्मों व गानों की शूटिंग यहाँ आये दिन होती रहती है । अभी हाल ही में दर्शन रावल के वायरल गाने Hawa Banke की शूटिंग भी पक्केघाट पे ही हुई थी ।

पक्काघाट के पर्व व उत्सव – Festivals at Pakkaghat

Pakkaghat Mirzapur पे नववर्ष, होली, कजरी, नवरात्रि इत्यादि अवसरों पे काफी धूम धाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन कराया जाता है जिसमे मिर्ज़ापुर के प्रशासनिक अधिकारी नेतागण समेत सैकड़ो लोग उपस्थित होते है । होली मिलन , हिन्दू नववर्ष व अंग्रेज़ी नववर्ष इत्यादि अवसरों पे नौका द्वारा गंगा जी में वृहद मंच बनाकर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित कराए जाते है ।

  • Incredible Mirzapur

Follow Us

Follow us on Facebook 13k+ Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube Follow us on Instagram Contact us on WhatsApp